Furasat mile to ADMIN ka haal bhi puch liya karo,
Jis ke Seene me Dil ki jaghe ab Log rehte hain,
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कशिश आज भी वही है, और शिद्दत भी वही है
"साहब";
महज़ ख्वहिशों का तेरी, "अक्स" बदला हुआ सा लगता है!!..
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“लौट आओ वो हिस्सा लेकर जो साथ ले गए थे तुम,
इस रिश्ते का अधूरा-पन अब अच्छा नहीं लगता...!!”
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