इश्क़-ए-खुदा Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps March 11, 2016 चलो मस्जिद में चलते हे कुछ इबादत-ऐ-खुदा करले, कमबख्त इश्क इन्सान से हो सकता है तो फिर खुदा से क्यों नही.. Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
March 03, 2016 हरिवंशराय बच्चनजी की सुन्दर कविता--- अगर बिकी तेरी दोस्ती... तो पहले ख़रीददार हम होंगे..! तुझे ख़बर न होगी तेरी क़ीमत .. पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे..!! दोस्त साथ हो तो रोने में भी ... Read more
March 06, 2016 कितने अजीब रंग समेटे हुऐ है ये बेमौसम बारिश खुदमे के अमीर पकोड़े खाने की सोच रहा है और गरीब जहेर !!! Read more
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