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Showing posts from March, 2016

आपका शायर

रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे हर साज़िश के पीछे अपने निकलेंगे चाँद सितारे गोद में आकर बैठ गये सोचा ये था पहली बस से निकलेंगे सब उम्मीदों के पीछे मायूसी है तोड़ो ! ये बादा...

जीवन की खूबसूरत बात

किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये, कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..! डरिये वक़्त की मार से, बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..! अकल कितनी भी तेज ह़ो, नसीब के बिना नही जीत सकती.. बीरबल ...

इश्क़-ए-खुदा

चलो मस्जिद में चलते हे कुछ इबादत-ऐ-खुदा करले, कमबख्त इश्क इन्सान से हो सकता है तो फिर खुदा से क्यों नही..
कागज़' के 'नोटों' से 'आखिर'... 'किस-किस' को....... 'खरीदोगे' 'किस्मत' 'परखने' के लिए 'आज' भी 'सिक्का' हीं 'उछाला' जाता है ×-×-××-×-××-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×+× Na Soorat, Na Seerat nazar aati hai, Har haath milane wale ko yahan bass zarurat nazar aati hai....!
कितने अजीब रंग समेटे हुऐ है ये बेमौसम बारिश खुदमे के अमीर पकोड़े खाने की सोच रहा है और गरीब जहेर !!!

जलते दिल

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Furasat mile to ADMIN ka haal bhi puch liya karo, Jis ke Seene me Dil ki jaghe ab Log rehte hain, ====================================== कशिश आज भी वही है, और शिद्दत भी वही है "साहब"; महज़ ख्वहिशों का तेरी, "अक्स" बदला हुआ सा लगता है!!.. ====================================== “लौट आओ वो हिस्सा लेकर जो साथ ले गए थे तुम, इस रिश्ते का ...
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हरिवंशराय बच्चनजी की सुन्दर कविता--- अगर बिकी तेरी दोस्ती... तो पहले ख़रीददार हम होंगे..! तुझे ख़बर न होगी तेरी क़ीमत .. पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे..!! दोस्त साथ हो तो रोने में भी ...

उम्मीद पर दुनिया कायम है!!

ज़मीर ज़िंदा रख, कबीर ज़िंदा रख.. सुल्तान भी बन जाए तो, दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख.. हौसले के तरकश में, कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख.. हार जा चाहे जिन्दगी मे सब कुछ, मगर फिर से जीतने की उम...

Dr.Rahat indori sahab ki dil kash shayari

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Dr. Rahat Indori Saari basti kadmo mai hai, Ye bhi ek fankari hai, Warna badan ko chhod ke apna jo kuchh hai sarkaari hai.... Phoolo.n ki khushbu looti hai, Titli ke par nochey hai.n, Ye rahzan ka kaam nahi hai, Rahbar ki makkari hai....

Welcome

Apne chehre se jo zahir hai chupayen kaise Teri marzi ke mutabiq nazar aayen kaise ♥ Ghar sajane ka tasawwur to bohot baad ka hai Pehle ye tai ho ke is ghar ko bachayen kaise ♥ Kehqaha aankh ka bartaau badal deta hai Hansne wale tujhe aansoo nzar aaye kaise ♥ Koi apni hi nazar se to hamen dekhega Ek qatre ko samandar nzar aaye kaise ×---------×------------×--------------------×--------------× आये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओ, एक उम्र लग जाती है एक ख्वाब सजाने में... ----------×---------×-------×---------×--------------×----- कित...