लफ्जो में कहना सकु Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps November 20, 2017 *लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती हैं...* *'ज़ुबान' कभी कभी...!* *पता नहीं 'खामोशी'......* *'मज़बूरी' हैं..? या 'समझदारी'..?!!* Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
March 06, 2016 कितने अजीब रंग समेटे हुऐ है ये बेमौसम बारिश खुदमे के अमीर पकोड़े खाने की सोच रहा है और गरीब जहेर !!! Read more
सुना है... यहां शायर बहुत हैंकुछ हमें..भी सुनाओ हम घायल बहुत हैं#sad December 12, 2019 सुना है... यहां शायर बहुत हैं कुछ हमें..भी सुनाओ हम घायल बहुत हैं #sad Read more
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