लफ्जो में कहना सकु Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps November 20, 2017 *लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती हैं...* *'ज़ुबान' कभी कभी...!* *पता नहीं 'खामोशी'......* *'मज़बूरी' हैं..? या 'समझदारी'..?!!* Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
March 03, 2016 हरिवंशराय बच्चनजी की सुन्दर कविता--- अगर बिकी तेरी दोस्ती... तो पहले ख़रीददार हम होंगे..! तुझे ख़बर न होगी तेरी क़ीमत .. पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे..!! दोस्त साथ हो तो रोने में भी ... Read more
March 06, 2016 कितने अजीब रंग समेटे हुऐ है ये बेमौसम बारिश खुदमे के अमीर पकोड़े खाने की सोच रहा है और गरीब जहेर !!! Read more
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